प्रधानमंत्री किसान क्रेडिट कार्ड योजना (केसीसी योजना) | किसान क्रेडिट कार्ड ऑनलाइन अप्लाई | किसान क्रेडिट कार्ड योजना in UP | Kisan Credit Card in Hindi
Kisan Credit Card Yojana 2023: भारत एक कृषि प्रधान देश है, इसीलिए यह बात स्वाभाविक है कि देश के विकास व प्रगति में किसानो का बहुत बड़ा योगदान है। यदि देश के अन्नदाता किसान हमारी देश की प्रगति में अपना सर्वस्व दे रहे है, तो सरकार का भी यह कर्तव्य है कि किसानों के लिए आर्थिक सहायता व अन्य लाभ दिए जाय। इसीलिए केंद्र सरकार व विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा किसानों की बेहतरी के लिए समय समय पर किसानों के लिए कहीं योजनाएं चलायी जा जाती रही है।

केंद्र सरकार द्वारा किसानों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, पीएम किसान योजना, मानधन योजना, एवं किसान क्रेडिट कार्ड योजना जैसी और भी कहीं योजनाएं है। इस आर्टिकल में हमने किसान क्रेडिट कार्ड की बात की है। किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत केंद्र सरकार द्वारा रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया और नाबार्ड के साथ मिलकर 1998 में शुरुआत की थी। यह एक प्रकार का ऋण है, जिसे किसनों को उनकी कृषि जमीन / भूमि को बैंक में गिरवी रखकर बहुत ही सस्ती दरों में ऋण दिया जाता है।
Kisan Credit Card Yojana 2023
प्रधानमंत्री किसान क्रेडिट कार्ड की शुरुआत केंद्र सरकार द्वारा 1998 में नाबार्ड (National Bank for Agriculture and Rural Development) एवं रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के साथ मिलकर शुरुआत की थी। सरकार का इस योजना को शुरू करने का उदेश्य किसानों की खेती संबधित खर्च के लिए बैंक के माध्यम से बहुत कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करवाना है। छोटे किसानों को तीन लाख रूपये तक का केसीसी ऋण मात्र 7% ब्याज दर पर उलब्ध कराया जाता है। यदि आप एक वर्ष के अंदर अपना ऋण जमा कर देते है, तो आपको इसमें अतिरिक्त 3% की छूट दी जाती है।
केसीसी योजना को शुरू करने के कारण
दरअसल सरकार द्वारा किसानों के लिए कृषि ऋण शुरू करने से पहले अपनी आर्थिक जरूरतों के लिए गांव के साहूकारों के पास जाना पड़ता था। साहूकारों द्वारा दिया जाने वाला उधर काफी महंगा था। किसान एक बार यदि साहूकार की चंगुल में आ जाता था, तो फिर वहां से निकलना बड़ा मुश्किल हो जाता था। कभी कभी किसानों को अपने घरों के गहनों व अपने खेती की जमीन को गिरवी तक रखनी पड़ती थी। लेकिन किसान क्रेडिट कार्ड योजना शुरू होने से किसानों को काफी कम ब्याज दर पर बैंक से आसान शर्तो के साथ मिल जाता है।
यदि आप भी एक किसान है, और आप किसान क्रेडिट कार्ड अथवा केसीसी ऋण संबधित जानकारी प्राप्त करना चाहता है, तो इस आर्टिकल में आप किसान क्रेडिट कार्ड से संबधित विस्तार से जान पाएंगे। कृपया आर्टिकल को अंत तक पढ़ें।
केसीसी ऋण संक्षिप्त विवरण – 2023
योजना का नाम | Kisan Credit Card Yojana |
किसकी योजना है | केंद्र सरकार की। |
लाभार्थी | देश के किसान |
उदेश्य | किसानों को कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करवाना। |
आधिकारिक वेबसाइट | https://pmkisan.gov.in/ |
कृषि ऋण (केसीसी) हेतु आवश्यक दस्तावेज
किसान जब किसान क्रेडिट कार्ड लेने बैंक जाता है, उन्हें बैंक से बैंक कृषि ऋण के लिए कुछ दस्तावेज बैंक को देने होते है। इन दस्तावेजों को आप जब बैंक को देते है, तभी बैंक आपको कृषि ऋण अथवा क्रेडिट कार्ड ऋण उपलब्ध करवाता है। कृषि ऋण हेतु आपको निम्न दस्तावेज बैंक को देने होंगे, जिनका विवरण निम्न है –
- खसरा
- खतौनी
- हिस्सा प्रमाण पत्र (Share Certificate)
- शपतपत्र
- आधार कार्ड
- पेन कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
इन दस्तावेजों के अलावा कुछ दस्तावेज बैंक द्वारा स्वयं तहसील द्वारा बनवाये जा सकते है। जब आप बैंक कर्मचारियों को अपना खसरा, खतौनी व हिस्सा प्रमाण पत्र दे देंगे, इसके बाद बैंक द्वारा अपने पैनल के अधिवक्ताओं से NEC अथवा LSR (बारहसाला) बनवाया जा सकता है। हालाँकि बारहसाला (तहसील से 12 वर्ष की सर्च रिपोर्ट) वर्तमान में 1.60 लाख से अधिक के ऋण पर लिया जाता है, लेकिन फिर भी कुछ मामलों में किसानों द्वारा माँगा जा सकता है।
किसान क्रेडिट कार्ड ऋण हेतु समय सीमा
किसान क्रेडिट कार्ड ऋण अधिकतम 5 वर्ष के लिए स्वीकृत किये जाते है, पांच वर्ष पूर्ण हो जाने पर आपको इसका पुनः नवीनीकरण करवाना होता है। यानि आपका ऋण एक बार स्वीकृत हो जाने के बाद आपको इसके लिए बार बार दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं है। केवल पांच वर्ष पुरे होने पर ही आपको दुबारा रिन्यूअल हेतु दस्तावेज देने होते है। हालाँकि आपको इसका ब्याज प्रति वर्ष जमा करना होता है।
किसान क्रेडिट कार्ड के उदेश्य
सरकार द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड ऋण स्कीम (ग्रीन कार्ड) को शुरू करने का उदेश्य किसानों को कम ब्याज कर पर ऋण उपलब्ध करवाकर साहूकारों से मुफ़्ती दिलवाना था। सरकार केसीसी ऋण के माध्यम से अपने इस उदेश्य में काफी हद तक सफल भी रही है। सरकार द्वारा ग्रीन कार्ड कार्ड की शर्तो को इतना आसान कर दिया है, कि किसी भी किसान के लिए इसे पूरा करवाना मुश्किल नहीं है, विवरण निम्न है –
- सरकार द्वारा केसीसी ऋण के माध्यम से किसानों की खेती संबधित आर्थिक जरूरतों को बैंक के माध्यम से पूरा किया जा रहा है।
- इस ऋण योजना को शुरू करने का मुख्य उदेश्य किसानों को साहूकारों से मुफ़्ती दिलवाना था, प्राचीन काल से ही किसान साहूकारों की चंगुल में फास्ट आ रहे थे। लेकिन अब बैंक द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड योजना को शुरू करने से उन्हें बैंक के माध्यम से बड़े आसानी से कम ब्याज दर पर ऋण मिल जाता है।
- कृषि ऋण शरू करने से किसानों के फसल बुहाई, कटाई आदि चक्र में कोई बाधा नहीं आ रही है। इससे पूर्व किसानों के पास प्रयाप्त पैसा नहीं होने से कहीं बार बीज नहीं खरीद पाने, समय से जुताई नहीं करवा पाना या कटाई हेतु मजदूरों की व्यस्था न कर पाना आदि कहीं समस्याएं आती थी, लेकिन अब किसान समय से अपना फसल संबधी कार्य कर पाते है।
- इस प्रकार सरकार द्वारा एक साथ कहीं उदेश्यों को ध्यान में रखते हुए इस योजना की शुरुआत की थी, और काफी हद तक इसमें कामयाब ही रही है। हालाँकि कुछ मामलों में किसानों को बैंक से ऋण देने संबधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे किसानों को बेबजह चक्कर लगवाना, रिश्वत मांगना आदि।
किसान क्रेडिट कार्ड के लाभ
ग्रीन कार्ड (किसान क्रेडिट कार्ड) ऋण से किसानों को कहीं फायदे हुए है, किसानों के लिए इस योजना की शुरुआत होने से अब उन्हें किसी के पास उधार के लिए नहीं जाना पड़ता है, किसानों को प्रधानमंत्री किसान क्रेडिट कार्ड योजना से और भी कहीं फायदे मिल रहे है, विवरण निम्न है –
- किसान अपनी फसल की जुताई, बुहाई व कटाई संबधी आदि कार्य समय से कर पाते है, क्यूंकि उन्हें अब इसके लिए पैसे की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है।
- किसानों को गांव में साहूकारों द्वारा दिए जाने वाले महंगे कर्जों से मुफ़्ती मिली है, क्यूंकि हमारे समाज में किसानों व गरीब परिवारों के लिए यह एक बहुत बड़ी समस्या थी।
- किसान अपने नजदीकी बैंक जाकर आसान शर्तों के साथ कभी भी अपनी खेती की जमीन के कागज लगाकर कृषि ऋण ले सकता है। अब इसीलिए उन्हें अब ग्रीन कार्ड लेने हेतु कहीं दिनों का इंतजार नहीं करना पड़ता है।
- किसानों को ग्रीन कार्ड ऋण के माध्यम से अपनी मशीनरी व फसल के रखरखाव हेतु भी पैसा मिल जाता है, जिससे वह अपने यंत्रो व फसल का सही से रखरखाव कर पाते है, जिससे किसानों को होने वाले इस तरह के नुकसान से बचत हो जाती है।
किसान क्रेडिट कार्ड ब्याज दर
यदि आप किसान क्रेडिट ऋण समय से जमा करते है, तो इस ऋण के लिए आपको सालाना मात्र 4 – 5 % ब्याज ही देना पड़ता है। लेकिन यदि आप समय से जमा नहीं कर पाते है, तो ऐसे मामले में आपको केसीसी ऋण बहुत महंगा पड़ने वाला है। इसीलिए आपको यह ध्यान रखना आवश्यक है कि आप इसे समय से जमा करते रहे। हमने यहां पर बताया है कि आप KCC Loan कब और कैसे जमा कर सकते है, जिससे आप ब्याज देरी से भरने में होने वाले नुकसान को बचा सकें।
- Kisan Credit Card Loan का ब्याज दर काफी कम है, यदि आप इसे समय से जमा करेंगे तो आपको मात्र 4% ब्याज ही देनी होती है। लेकिन यदि आप निश्चित सीमा पर इसे जमा नहीं करते है, तो आपको लगभग 12 से 13 प्रतिशत ब्याज देना होगा।
- किसान क्रेडिट कार्ड ऋण एक कैश क्रेडिट ऋण है, कैश क्रेडिट ऋण वह ऋण होता है, जिसमे आप अपनी स्वीकृत ऋण अवधि के दौरान आप कहीं बार जमा या निकासी कर सकते है। इसका व्याज आपको एक वर्ष के अंदर जमा करना होता है, यदि आप एक वर्ष पूरा होने से पहले ही ब्याज जमा कर सकते है।
- उदहारण के लिए माना आपने 1000 रूपये का ऋण लिया है, इसका समय 5 वर्ष के लिए है। इस सन्दर्भ में आप पांच वर्ष के लिए जब चाहे अपना ऋण जमा व पुनः निकाल सकते है।
- आपको एक वर्ष पूरा होने से पहले ही इसे पूरा जमा करना होता है, इसके बाद आप अगले दिन या उससे आगे कभी भी पुनः निकाल सकते है।
- माना आपने 10 जनवरी 2022 को 1 लाख रूपये का कृषि ऋण (kcc) लिया है, तो इसके ब्याज जमा करने के अंतरिम तिथि 9 जनवरी 2023 होगी।
- एक वर्ष पूरा होने से पहले माना 7000 रूपये ब्याज हुआ है, तो आपको एक बार पूरा (मूलधन + ब्याज) 107000 रूपये जमा करने होंगे। यदि आपने 9 जनवरी 2023 को 107000 रूपये जमा कर दिए है। तो आप पुनः 100000 रूपये 10 तारीख या उसके बाद कभी भी निकाल सकते है।
- यदि आप ऐसा करते है, तो 7000 रूपये ब्याज में से 3000 रूपये सब्सिडी के रूप में आपको पुनः वापस मिल जाते है। इस प्रकार आपको मात्र 4 प्रतिशत ब्याज ही देना होता है।
- लेकिन यदि आप यदि ब्याज 11 जनवरी को जमा करते है, तो आपको सब्सिडी राशि नहीं मिलेगी, इसके अलावा आगे के लिए आपके ऋण की ब्याज दर 12-13 प्रतिशत हो जाएगी।
- इसीलिए आपके लिए यह आवश्यक है कि आप KCC Yojana में लिए गए लोन का ब्याज एक वर्ष के अंदर ही जमा कर दें।
केसीसी ऋण सीमा का निर्धारण कैसे किया जाता है?
किसान क्रेडिट कार्ड ऋण सीमा का निर्धारण किसानों द्वारा उनकी जमीन पर उगाई जाने वाली फसल के आधार पर दिया जाता है। हमने यहां पर कृषि ऋण अथवा किसान क्रेडिट कार्ड की ऋण सीमा निर्धारण के बारे में बताया है, यदि आप भी जानना चाहते है कि आपको कितना क्रेडिट कार्ड मिल सकता है, तो आप ध्यान से पढ़ें, क्यूंकि इसके बाद आप पता कर पाएंगे कि आपको कितना ऋण मिल सकता है।
- किसान क्रेडिट कार्ड ऋण सीमा का निर्धारण जिले स्तर की एक समिति DLTC (district level technical committee) द्वारा तय वित्तमान (Scale of Finance) के आधार पर निर्धारित किये जाते है।
- प्रत्येक जिले में एक समिति बनायीं गयी है, जिसके अध्यक्ष जिलाधिकारी होते है, इस समिति में नाबार्ड, बैंक व राज्य कृषि विभाग के अधिकारी भी शामिल होते है।
- इस समिति द्वारा प्रतिवर्ष एक फसल के वित्तमान का चार्ट जारी किया जाता है, जिसमे लिखा रहता है कि किस फसल के लिए कितना किसान क्रेडिट कार्ड ऋण दिया जा सकता है, इसे स्केल ऑफ़ फाइनेंस कहा जाता है। उदहारण के लिए माना जैसे – आलू 1.5 लाख रूपये प्रति हेक्टेअर, धान के लिए 60 हजार रूपये प्रति हेक्टेअर आदि।
- बैंक इसी स्केल ऑफ़ फाइनेंस (Scale of finance) के आधार पर किसान क्रेडिट कार्ड की ऋण सीमा निर्धारित करती है।
माना किसी किसान के पास 1 हेक्टेअर जमीन है, तो उनकी केसीसी ऋण सीमा कुछ इस प्रकार बनेगी –
- यदि वह किसान एक वर्ष में दो फसल आलू (रबी) व धान (खरीफ) का उत्पादन करता है। तो उन्हें आलू के लिए 150000 व धान के लिए 60000 रूपये का ऋण दिया जायेगा। इसके अलावा उन्हें मशीनरी मरम्मत व रखरखाव के लिए 20% व 10% अतरिक्त राशि दी जाएगी। (नीचे चार्ट दिया है)
आलू | 150000 |
धान | 60000 |
20% | 42000 |
10% | 21000 |
केसीसी ऋण सीमा (प्रथम वर्ष के लिए) | 273000/- |
- इस प्रकार पहले वर्ष के लिए 273000 की ऋण सीमा स्वीकृत की जाएगी। किसान को दूसरे, तीसरे, चौथे व पांचवें वर्ष के लिए प्रति वर्ष 10% की बढ़ोतरी की जाएगी। यानि दूसरे वर्ष 300300/- रूपये, तीसरे वर्ष 330330/- रूपये, चौथे वर्ष के लिए 363363/-रूपये व पांचवे वर्ष के लिए 399699/- रूपये की ऋण सीमा स्वीकृत की जाएगी।
किसान की मृत्यु होने पर कीसीसी का क्या होगा?
आपके मन में यह प्रश्न जरूर आ रहा होगा कि जब किसान की असामयिक मृत्यु हो जाए तो ऋण का भुगतान कौन करेगा। जैसा की हमे पहले हेई इस बात से अवगत करा चुके है की कागज़ी कार्यवाही के अंतर्गत खसरा खतोनी में जिस वारिसान का नाम आ जाता है, उसको ही ऋणका भुगतान करना पड़ता है , लेकिन अगर वह व्यक्ति जो वारिसान के अंतर्गत आता है उसकी परिस्तिथि नहीं है ऋण देने की तो बैंक अपने ऋण की वसूली आपकी ज़मीन बेच कर करेगा |
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FAQ
प्रश्न – किसान क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन कैसे करें?
उत्तर – अगर आप किसान है , आपके पास ज़मीन है और आप ऋणलेने में समर्थ है तो आप अपने नजदीकी बैंक से बड़े आराम से ऋण ले सकती है |वो भी 4 % ब्याज दर पर |
प्रश्न – किसान क्रेडिट कार्ड ऋण लेने के लिए न्यूनतम कितनी कृषि भूमि की आवश्यकता होती है?
उत्तर – न्यूनतम कृषि भूमि की कोई सीमा नहीं है, लेकिन यदि आपके पास न्यूनतम आधा या एक बीघा जमीन होगी तो आपको कुछ 15 से 20 हजार तक कृषि ऋण मिल सकता है।
उत्तर – किसान क्रेडिट कार्ड ऋण लेने पर किसानों को कितना ब्याज चुकाना पड़ता है?
उत्तर – यदि किसान एक वर्ष होने से पूर्व ही ऋण जमा कर देता है, तो किसान क्रेडिट कार्ड के लिए मात्र 4 प्रतिशत ऋण ही चुकाना पड़ता है।