बागेश्वर धाम 2023 – Bageshwar Dham Sarkar Chhatarpur

Bageshwar Dham Sarkar Chhatarpur: बागेश्वर धाम मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले से 35 किलोमीटर खजुराहो- पत्रा रोड पर स्थित है, यहां से 3 किलोमीटर एक दूसरे बड़े गांव जाने के बाद बागेश्वर धाम के दर्शन होते हैं। इस धाम में राम भक्त हनुमान जी अपने श्री बागेश्वर बालाजी महाराज के स्वरूप में बात करते हैं। यह धाम को बालाजी का शंभू स्वरूप माना जाता है। यहां पर सन्यासी बाबा जी ने भी बालाजी की पूजा की थी जो कि पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री  के गुरु थे। बागेश्वर धाम बालाजी आजकल बहुत प्रसिद्ध हुआ हैं। यहां के महंत पंडित शास्त्री जी के द्वारा लोगों के मन की बात पहले से ही पर्ची पर लिखकर बता देना अपने आप में ही एक बहुत बड़ा चमत्कार है। बागेश्वर धाम की हर महीने श्रद्धालुओं की संख्या हजारों में नहीं लाखों में  बढ़ती जा रही है यह माना जाता है।

बागेश्वर धाम का नाम कैसे हुआ?

भगवान शिव के बाध रूप धारण करने वाले स्थान को व्याघ्रेश्वर से कालांतर में  बागेश्वर के रूप में जाना जाता है। शिव पुराण के मानस खंड के अनुसार इस नगर को शव के गण चंडीश ने शिवजी की इच्छा के अनुसार बसाया था।  इस तथ्य के अनुसार बागेश्वर धाम का नाम पड़ा था। बागेश्वर धाम मंदिर से जुड़े एक बात बताई जाती है की,जो भी व्यक्ति जाता है उसकी सारी मनोकामना पूर्ण होती है। इसके साथ-साथ यह भी बताया  जाता है कि यहां पर जाने वाले श्रद्धालुओं को जिस भी तरह की परेशानि होती है, यह परेशानी  बिना बताए महाराज को समझ आ जाती है। 

बागेश्वर धाम का प्रसिद्ध मंदिर कौन सा है?

 बागनाथ मंदिर शिव को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है, जो सरयू और गोमती नदियों के संगम पर बागेश्वर शहर में अवस्थित है। बागनाथ मंदिर सभी आकारों की घंटियों से सुसज्जित है और इसमें प्रभावशाली कारीगरी द्वारा धातु और लकड़ी के माध्यम से खुदाई पौराणिक छवी की गई है। यहां बागेश्वर जिले का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है।

Bageshwar Dham Sarkar Chhatarpur का असली नाम क्या है?

बागेश्वर स्वयंभू महादेव है वह स्वयंभू हनुमान जी है। इस स्थान पर हनुमान जी के एक और स्वरूप जिन्हें श्री बागेश्वर  बालाजी महाराज के नाम से जाना जाता है। यहां महाराज श्री धर्मेंद्र कृषि जी द्वारा भक्तों  की समस्या को सुनकर उसका समाधान किया जाता है।

बागेश्वर धाम की सच्चाई और रहस्य

बागेश्वर धाम भारत का एकमात्र चमत्कारी धाम है, बागेश्वर धाम के महाराज पर बालाजी की कृपा है, जिससे महाराज बड़ी से बड़ी समस्या, दुख और पीड़ा आसानी से भक्तजनों का दूरकरते हैं। इसी के पीछे कहा जाता है की महाराष्ट्र कठोर परिश्रम ही  बागेश्वर धाम की सच्चाई है।

 शास्त्री जी की प्रारंभिक जीवन गरीबी में व्यतीत हुआ था, एक कमरे से ही 5 लोगों का उनका परिवार गुजर-बसर कर रहा था। कालकांडी ब्राह्मण परिवार होने के कारण पूरे परिवार की जीविका पूजा और अनुष्ठान कराने के बाद मिलने वाली दक्षिणा पर ही निर्भर करता था। शास्त्री जी के यह कहना है कि बागेश्वर धाम उनके पिता जी के पिता यानी उनके दादाजी जो वहां पर पंडित थे। उनके भी पूर्व में एक संत हुए तीन पीढ़ी से,जो  बागेश्वर बालाजी दरबार चला रहे थे। यहां पर देश-विदेश आर्मी सभी लोग आते हैं और अपनी अर्जी लगाते हैं। और हनुमान जी की असीम कृपा का आशीर्वाद पाते हैं। महाराज के भजन है कि वह तो पहले ही ब्राह्मण थे और भिक्षा मांगकर खाते थे, अभी भी मांग कर खाते हैं। 9 वर्ष की आयु में बालाजी के सानिध्य में रहकर नरेंद्र शास्त्री महाराज जी ने जरूरतमंद भक्तों की  सेवा की। बालाजी की कृपा से जैसे उनको  मार्गदर्शन हुआ और गुरु जी के मार्गदर्शन के द्वारा उनके नियमों का पालन करते करते वह आज ऊंचे  स्थान पर पहुंच गए हैं। भारतवर्ष के सभी प्रमुख संतों में उनका नाम आ रहा है।

 नरेंद्र शास्त्री महाराज पहले एक गांव में भिक्षा मांग कर अपने परिवार चलाते थे। सत्यनारायण जी की कथा करते थे, कथा की समाप्ति होने से  दक्षिणा मिलता था, उसे  उनके परिवार चलता था। बटेश्वर धाम में उनके दादाजी रहते थे। इससे हर प्रकार के लोगों को कृपा मिलती थी। वीरेंद्र शास्त्री जी बोलते हैं की,भविष्य बालाजी की कृपा से उनका भोजन पानी, घर, परिवार आसानी से चल रहा है। और उनके उद्देश्य केवल जीवन भर बागेश्वर बालाजी की सेवा करें, उनके द्वारा लोगों के ऊपर उनकी कृपा का अनुभव कराएं। उनका मानना है मानव में ईश्वर भक्ति रहना चाहिए।

बागेश्वर धाम सरकर का इतिहास

1986 के समय बागेश्वर धाम मंदिर का रिनोवेशन कार्य कराया गया था। उसके बाद 1987 के समय यहां पर एक संत जी का आगमन हुआ जिनको बाबाजी हेतु लाल जी महाराज या भगवान दास जी महाराज के नाम से जाना जाता था। इसके बाद 1989 मैं बाबाजी बाबा जी के द्वारा बागेश्वर धाम में एक विशाल महायज्ञ का आयोजन किया गया था। उसके बाद 2012 में बागेश्वर धाम की सिद्ध पीठ पर भक्तों या श्रद्धालुओं की समस्याओं के निवारण के लिए दरबार बैठा।2016 में बागेश्वर धाम में भूमि पूजन किया गया था और धीरे-धीरे भक्तों के संख्या बढ़ने लगे और उनके समस्या का समाधान होने लगा।

बागेश्वर धाम कैसे पहुंचेंगे?

Bageshwar Dham Sarkar Chhatarpur भक्तों के लिए आस्था और विश्वास का प्रतीक है। यह स्थान  पवित्र धार्मिक स्थल में से एक है, जिसके दर्शन के लिए लोग कई मिलो का सफर तय करके आते हैं। बागेश्वर धाम सरकर जाने के लिए 3 उपाय में आप अपनी सुविधा के अनुसार जा सकते हैं।

1-हवाई जहाज में बागेश्वर धाम यात्रा हवाई जहाज से बागेश्वर धाम सरकार छतरपुर जाने के लिए आपको खजुराहो एयरपोर्ट जाना पड़ेगा, जो धाम से  नजदीकी एयरपोर्ट है। हवाई जहाज से यात्रा करने से पहले, आप सुनिश्चित करें की, आप जहां से यात्रा शुरू करेंगे उसी हवाई अड्डे के लिए उड़ान टिकट  खजुराहो एयरपोर्ट के लिए उपलब्ध है या नहीं। दिल्ली जैसे बड़े एयरपोर्ट से खजुराहो आने के लिए टिकट डायरेक्ट बुक कर सकते हैं। लेकिन आप दूसरे शहर से बागेश्वर धाम छतरपुर आ रहे हैं, तो इसके लिए आप पहले फ्लाइट से गवालियर एयरपोर्ट या खजुराहो एयरपोर्ट की यात्रा करें। इसके बाद आप रामेश्वर धाम मंदिर पहुंचने के लिए बस का टैक्सी बुक करके आ सकते हैं।

2- रेल से बागेश्वर धाम यात्रा आप रेल से बागेश्वर धाम यात्रा कर रहे हैं, तो आपको सबसे पहले छतरपुर स्टेशन जाना होगा। अगर आप दिल्ली से आ रहे हैं तो वहां से दो ट्रेन सीधे छतरपुर के लिए चलती है।इसके बाद आपको छतरपुर से बस, टेक्सी या कार किराए पर लेनी होगी। जो आपको छतरपुर बागेश्वर धाम ले जाएगा। आप महोबा स्टेशन के लिए भी ट्रेन मैं  टिकट करा सकते हैं। छतरपुर जाने के लिए आप आपके नजदीकी स्टेशन में जाकर या ऑनलाइन रेलवे वेबसाइट में टिकट की जानकारी ले सकते हैं।

3- बस या प्राइवेट गाड़ी से बागेश्वर धाम यात्रा आप सड़क मार्ग से बागेश्वर धाम यात्रा जाना चाहते हैं तो, आपको सबसे पहले छतरपुर आना होगा। पहले आप अपने इलाका के बस स्टैंड पर जाकर पता करें कि आपके शहर से छतरपुर जाने के लिए कौन सी बस चलती है या नहीं। अगर बस की सुविधा हो तो आप बस में बैठकर छतरपुर पहुंच सकते हैं। दिल्ली से सीधे छतरपुर के लिए निजी बस सेवा उपलब्ध है। इसी बस से आप आसानी से छतरपुर पहुंच सकते हैं। छतरपुर पहुंचने के बाद आप वहां से कहीं भी वाहन  किराए पर लेकर बागेश्वर धाम पहुंच सकते हैं। इसके अलावा बागेश्वर धाम जाने का और एक रास्ता है जो रोडवेज बस से भी छतरपुर की यात्रा कर सकते हैं। इस सफर के लिए आपको पहले दिल्ली से लखनऊ और फिर लखनऊ से भोपाल का सफर करना होगा।

बागेश्वर धाम में अर्जी कैसे लगाएं?

आप अपने घर बैठे बागेश्वर धाम मंदिर की अर्जी लगाना चाहते हैं तो उसके लिए आपको पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा बताई गई पद्धति को अपनाकर अर्जी लगाना पड़ेगा। उनका कहना है कि लाल रंग के कपड़े को सूखे नारियल के ऊपर लपेट कर इस लगते हुए  लाल रंग के कपड़े से नारियल को बागेश्वर धाम की धान करते हुए अपने घर की पूजा घर के अंदर रख दे, और कुछ समय तक बागेश्वर धाम की ध्यान करें। और इस तरह आप अपने घर बैठे ही बागेश्वर धाम सरकार की अर्जी लगा सकते हैं। अर्जी लगाने बाद आपको पता करना चाहिए कि आपकी अर्जी स्वीकार हुआ या नहीं। आपकी अर्जी लगाने के 2 दिन तक आपके सपने  में अगर हनुमान जी के किसी भी रूप के दर्शन हुए तो आप समझ जाइए कि आप की अर्जी बागेश्वर धाम में स्वीकार कर लिया गया है।

बागेश्वर धाम यात्रा में टोकन कैसे प्राप्त होता है

बागेश्वर धाम महाराज से अर्जी लगाने के लिए टोकन की जरूरत  पड़ती है। प्रतिदिन टोकन का वितरण बागेश्वर धाम में नहीं किया जाते हैं, इसके लिए महीने में एक विशेष दिन का आयोजन होता है। एक विशेष दिन के बारे में आप बागेश्वर धाम के सोशल मीडिया अकाउंट पर पता कर सकते हैं या फोन कॉल करके पूछ सकते हैं। टोकन मिलने के बाद आ बागेश्वर धाम महाराज से जाकर अर्जी लगा सकते हैं।

बागेश्वर धाम सरकर मंदिर की कथा को आप कई तरीकों से सुन सकते हैं। आप इस कथा को यूट्यूब चैनल, टीवी और किताब  किताब के माध्यम से जानकारी हासिल कर सकते हैं। आप संस्कार और आस्था टीवी चैनल के माध्यम से घर पर बैठे कथा, आरती और दर्शन का लाभ उठा सकते हैं। भक्तों की अगर भावनाओं  और श्रद्धा सच्ची हो तो उन्हें अवश्य ही भगवान की कृपा मिलती है।

Leave a Comment

error: Content is protected !!
फ्री शौचालय बनवाने के लिए सरकार दे रही ₹12000 की आर्थिक सहायता, जल्दी देखें CTET 2024 Exam: देखें कब तक जारी होंगे सीटीईटी एडमिट कार्ड सीएसआईआर भर्ती 2024 के लिए ऐसे करें ऑनलाइन अप्लाई (स्टेप बाय स्टेप) CSIR Recruitment 2024: सीएसआईआर ने निकाली भर्ती