स्वतंत्रता दिवस पर निबंध | 15 अगस्त पर निबंध हिंदी में | 2023

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध: स्वतंत्रता दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है। प्रतिवर्ष 15 August इस दिन को समस्त भारतीय नागरिक हर्ष और उल्लास के साथ मनाते है। दोस्तों भारत में पहले अंग्रेजों का शासन था, 15 अगस्त 1947 के दिन भारत को अंग्रेजों के शासन से मुफ़्ती मिली थी। यानि इस दिन भारत को आजाद घोषित किया गया था। यही कारण है कि इस दिन को हम स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते है।

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध

इस दिन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु जी ने लाल किले के के लाहोरी गेट के ऊपर राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। इसकी शुरुआत पंडित जवाहरलाल नेहरु जी ने की थी जिसके चलते प्रत्येक वर्ष हमारे देश के प्रधानमंत्री लाल किले पर झंडा फहराया जाता है। 200 साल की ब्रिटिश समाज की गुलामी के बाद 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ था। स्वतंत्रता दिवस के दिन हम देश की आजादी के लिए बलिदान देने वाले वीर शहीदों व स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते है।

स्वतंत्रता दिवस कैसे मनाया जाता है

स्वतंत्रता दिवस का यह उत्सव भारत के प्रत्येक कोने में आनंद और उमंग से मनाया जाता है, लेकिन भारत की राजधानी दिल्ली में इस उत्सव का विशेष रूप से आयोजन किया जाता है। लाल किला को इस उत्सव का प्रमुख स्थल माना जाता है। लाल किले के मैदान में दिल्ली और दिल्ली के बाहर से लोग स्वतंत्रता दिवस के समारोह का आनंद लेते हैं।लाल किले के मैदान पर स्वतंत्रत दिवस की अवसर पर देश के प्रधानमंत्री राष्ट्रीय ध्वज लहराते हैं, और 21 तोप से राष्ट्रीय ध्वज को प्रणाम किया जाता है।

उसके बाद जल,स्थल तथा वायु सेनाओं की टुकड़िया ध्वज को प्रणाम करती है।प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस की संदेश देशवासियों को देते हैं और राष्ट्रीय गान शुरू होता है। राष्ट्रीय गान के पश्चात यह कार्यक्रम समाप्त होता है।

स्वतंत्रता दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन

आजादी के इस पर्व के मौके पर लाल किले पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर देश के सभी राज्य अपनी-अपनी लोकसंस्कृति  सभ्यता और परंपरा को खूबसूरत सजावट के द्वारा कार्यक्रम को  प्रदर्शित करते हैं। इसी दौरान भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत देश के सर्वोच्च पदों पर बैठे सभी राजनेता देश के वीर जवान के बलिदान को याद करते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते है। इसी दिन भारत के हर राज्य और नगर  की  वातावरण  देशभक्ति से सम्मोहित होता है। राष्ट्रीयता के इस पर्व को सभी भारतवासी अपने अपने तरीकों से बनाते हैं।

इसके अलावा स्वतंत्रता दिवस के दिन भारत सरकार ने 15 फरवरी को अवकाश की घोषणा किए हैं। इस दिन स्कूल, कॉलेज समेत तमाम शिक्षा संस्था, राजनीतिक कार्यालय  और सरकारी कार्यालय मैं तिरंगा झंडा फहराया जाता है देशभक्ति से जुड़े कई सांस्कृतिक और रंगारंग कार्यक्रम जैसे नाटक, निबंध लेखन,भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है। स्कूल और कॉलेज में पताका  उत्तोलन के समय ड्रिल या पैरड का भी आयोजन किया जाता है।

इन दिनों में देशभक्ति के गीत और नारे लगाये  जाते हैं। और कुछ लोग पतंग उड़ा कर आजादी का पर्व मनाते हैं।  इसके अलावा इस दिन टेलीविजन पर देशभक्ति  बनी कई फिल्में और कार्यक्रम प्रसारित किए जाते हैं, जिसे घर पर बैठकर लोग आजादी का जश्न मनाते है।

हम स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाते हैं?

वर्षों की आजादी के बाद भारत को अंग्रेजों से पूर्ण स्वतंत्रता मिली और 15 अगस्त 1947 को पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त हुई। इसीलिए यह दिन को  भारत या विदेश में रहने वाले प्रत्येक भारतीय नागरिकों  के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है। भारत ने 15 अगस्त 2022 को स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे किए है। इस दिन को हम स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष और उनके द्वारा बलिदान किए गए जीवन को अपने हृदय में स्थान देकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

हमारे वीरों ने जिस दर्द से गुजरे है, वह हमें याद दिलाता है कि आज हम जिस आजादी का आनंद ले रहे हैं, लाखों लोगों का खून बहा कर आजादी हासिल किए हैं। इस बलिदान भारत के प्रत्येक नागरिकों के अंदर देशभक्ति की भावना को जागृत रखता है। यह भावना वर्तमान पीढ़ियों को उस समय की सेनानियों के बारे में समझाती है और उन्हे भारत के स्वतंत्रता सेनानियों से परिचित कराती है।

भारत के स्वतंत्रता दिवस का इतिहास

15 अगस्त 1947 भारत के लिए बहुत भाग्यशाली दिन था। अंग्रेज सरकार ने भारत पर 200 वर्षों तक शासन किए थे । भारत की जनता पर अमानवीय आचरण के प्रभाव से भारत की जनता त्रस्त हो गई थी। भारतीय शासक ब्रिटिश अधिकारों के हाथों की कठपुतली थे। भारतीय लोगों का जीवन दयनीय था क्योंकि उनको गुलाम की तरह  व्यवहार किया जाता था। किसानों को भूमि कर देना पड़ता था। इन दिनों में भारत की आजादी के लिए सेनानियों का संघर्ष शुरु हो चुका था।

महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस,भगत सिंह, सरदार वल्लभभाई पटेल, जवाहरलाल नेहरू, रानी लक्ष्मीबाई जैसे महान व्यक्ति  ने निडर होकर अंग्रेज शासन के खिलाफ लड़ाई शुरू किए थे। भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त करने के लिए कई जोधा ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। तब से लेकर आज तक 15 अगस्त को हम स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं।

स्वतंत्रता दिवस के महत्व

15 अगस्त भारत का एक ऐतिहासिक दिन है। स्वतंत्रता दिवस लोगों में देशभक्ति की भावना जागृत  करता है। और उन्हें महसूस कराता है कि हम एक राष्ट्र हैं, जहां पर कई अलग-अलग भाषाएं,धर्म और सांस्कृतिक मूल्य है। तिरंगा हमारा राष्ट्रीय ध्वज है। यह तीन रंगों से बनाया गया है। ऊपर में केसरिया रंग,बीच में सफेद रंग और नीचे के भाग में हरा रंग है। ध्वज की माध्यम सफेद पट्टी पर अशोक चक्र बना है। स्वतंत्रता की लड़ाई में तिरंगा की एक मुख्य भूमिका रही है। जो 15 अगस्त 1947 के स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद यह हमारा राष्ट्रीय ध्वज बना।

राष्ट्रीय समारोह एवं महत्वपूर्ण अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है, यह प्रत्येक राष्ट्र की शान होता है। राष्ट्रीय ध्वज का अपमान दंडनीय अपराध है।देश की राजधानी दिल्ली के साथ साथ  देश के अन्य सभी राज्यों के मुख्यमंत्री भी सनमान  के साथ अपने राज्य में तिरंगा फहराते हैं। अनेकता में एकता भारत का प्रमुख शक्ति है।

स्वतंत्रता दिवस में हर घर तिरंगा के आह्वान

इस वर्ष हम सब भारत के आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर “आजादी का अमृत महोत्सव”मना रहे हैं। इस अवसर पर सरकार के द्वारा हर घर तिरंगा अभियान शुरू हुआ था, जिसमें भारत वासियों को 13 से 15 अगस्त तक अपने अपने घरों में तिरंगा लगाने का अनुमति था। अगस्त 15 1947 को हमारा देश  ब्रिटिश शासन से पूरी तरह आजाद हुआ था। तब से इस दिन को हम सभी भारतवासी बहुत उत्साह और गौरव के साथ मनाते हैं।

इस दिन सभी सरकारी दफ्तर,कार्यालयों में तिरंगा फहराया जाता है और राष्ट्रीय गाना “जन गन मन” गया जाता है। स्कूल कॉलेज में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है और मिठाइयां बांटी जाती है। कई स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों को याद किया जाता है।

स्वतंत्रता दिवस के 75 साल

“आज़ादी का अमृत महोत्सव” उत्सव  पिछले 75 वर्षों में भारत द्वारा की गई तीव्र प्रगति और हर्ष उल्लास का एक त्यौहार है।  पूरे देश में आजादी की 75 वी जयंती बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया गया था। स्वतंत्र भारत के 75 साल पूरे होने की अवसर पर,स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के याद रखने के लिए भारत सरकार की एक पहल है। आजादी का अमृत महोत्सव के माध्यम से भारत अपने लोगों, संस्कृति और इतिहास का जश्न मना रहा है।

आजादी का अमृत महोत्सव की यात्रा 12 मार्च 2021 को साबरमती आश्रम से शुरू हुई, प्रधानमंत्री श्री  नरेंद्र मोदी जी भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के 75 हफ़्ते लंबे समय आजादी का यह अमृत महोत्सव 15 अगस्त 2026 तक चलने की बांदा की है। आजादी का अमृत महोत्सव भारत के उन सभी लोगों को समर्पित है, जिनके द्वारा भारत विकास और समृद्धि के मार्ग पर है। स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति में भारत सरकार द्वारा देश भर में आजादी का अमृत महोत्सव नाम से विभिन्न स्वतंत्रता कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।

इन कार्यक्रम में फोटो प्रदर्शन,विभिन्न प्रतियोगिता आदि शामिल है। कुछ स्थान पर आजादी का अमृत महोत्सव को दो भाग में प्रदर्शित किया गया है। महात्मा गांधी के आगमन से पहले का स्वतंत्रता आंदोलन और गांधी जी के नेतृत्व में स्वतंत्रता संग्राम। गांधी जी के आगमन से पूर्व लाल बाल पाल के नाम से प्रसिद्ध लाला लाजपत राय, लोकमान्य तिलक और बिपिन चंद्र पाल के योगदान को तस्वीरों के माध्यम से दर्शाया गया है। इसके साथ-साथ अन्य क्रांतिकारी के आंदोलन मैं उनकी भूमिका को बहुत ही अच्छी तरीके से  समझाया गया है। इनमें झांसी की रानी लक्ष्मीबाई,मंगल पांडे,राजा राममोहन राय,स्वामी दयानंद सरस्वती,स्वामी विवेकानंद, खुदीराम बोस,वीर सावरकर इत्यादि शामिल है।

निष्कर्ष

15 अगस्त का दिन हर भारतीय के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिवस है, जैसे भारत में रहने वाले  सभी जाति, धर्म, पथ, लिंग समुदाय के लोग मिलजुल कर बड़े ही धूमधाम और उल्लास  के साथ मनाते हैं। स्वतंत्रता दिवस के इस राष्ट्रीय पर्व पर सभी भारतीय मिलकर आजादी का जस मनाते हैं और अपने देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने और देश की प्रगति के पथ पर आगे बढ़ने के लिए संकल्प लेते हैं। इन दिन सभी भारतीयों को स्वतंत्रता की रक्षा करने का संकल्प लेना चाहिए।

FAQ स्वतंत्रता दिवस पर निबंध

हमारे देश का स्वत्रतंता दिवस कब मनाया जाता है?

भारत का स्वतंत्रता दिवस प्रति वर्ष 15 अगस्त को मनाया जाता है।

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